दुमका, झारखंड | 23 अक्टूबर 2025 – झारखंड के दुमका जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। 13-14 वर्षीय मूक-बधिर और दिव्यांग आदिवासी किशोरी के साथ गांव के ही 20 वर्षीय युवक बाबूराम मुर्मू ने दुष्कर्म किया। ग्रामीणों और पुलिस की तत्परता से आरोपी हथ्थे चढ़ गया और जेल भेज दिया गया है।
घटना का पूरा विवरण
पीड़िता के पिता द्वारा मुफस्सिल थाने में दर्ज FIR के अनुसार:
- पीड़िता की स्थिति: मूक-बधिर, ठीक से चलने में असमर्थ।
- घटना का समय: माता-पिता काम पर गए थे, किशोरी घर पर अकेली थी।
- आरोपी का कृत्य: बाबूराम मुर्मू घर में घुसा और दुष्कर्म को अंजाम दिया।
- पकड़े जाने की प्रक्रिया:
| चरण | विवरण |
|---|---|
| माता-पिता का लौटना | घर पहुंचे तो बेटी की चीख सुनी |
| आरोपी का भागना | बाबूराम कपड़े पहनकर भाग रहा था |
| ग्रामीणों की भूमिका | पिता के चिल्लाने पर जुटे, आरोपी को पकड़ा-पिटा |
| पुलिस सूचना | तुरंत मुफस्सिल थाना को खबर दी गई |
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मुफस्सिल थाना प्रभारी सत्यम कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मात्र कुछ घंटों में कार्रवाई पूरी की:
| कार्रवाई | विवरण |
|---|---|
| आरोपी गिरफ्तारी | बाबूराम मुर्मू को हिरासत में लिया गया |
| मेडिकल जांच | पीड़िता को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज भेजा |
| FIR दर्ज | POCSO एक्ट + BNS धाराओं में केस दर्ज |
| न्यायिक प्रक्रिया | आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा |
थाना प्रभारी सत्यम कुमार ने बताया: “पीड़िता के पिता के बयान पर FIR दर्ज की गई। मेडिकल परीक्षण पूरा हो चुका है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच जारी है।
कानूनी धाराएं
| कानून | धारा | उद्देश्य |
|---|---|---|
| POCSO Act | सुसंगत धाराएं | बाल यौन शोषण रोकथाम |
| BNS (भारतीय न्याय संहिता) | सुसंगत धाराएं | दुष्कर्म एवं हिंसा |
सामाजिक प्रतिक्रिया
- ग्रामीणों की बहादुरी: आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया।
- महिला संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा की है।
- स्थानीय लोगों ने नाबालिगों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाने की मांग की।
झारखंड में ऐसी घटनाओं का ट्रेंड
आंकड़े (NCRB 2024 डेटा के अनुसार):
| वर्ष | झारखंड में POCSO केस | दुमका जिला |
|---|---|---|
| 2023 | 1,248 | 89 |
| 2024 | 1,356 (+8.5%) | 102 |
निष्कर्ष
यह घटना समाज की संवेदनशीलता और पुलिस की सक्रियता का उदाहरण है। ग्रामीणों ने जिस तत्परता से आरोपी को पकड़ा, वह सराहनीय है। हालांकि, दिव्यांग नाबालिगों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है।
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